अकबर बीरबल की कहानी: चोर की दाढ़ी में तिनका
अकबर और बीरबल के बारे में कई कहानियाँ बच्चे-बच्चे को मालूम हैं। ये कहानियाँ सभी के दिलों पर छाप छोड़ती हैं और अच्छी शिक्षा भी देती हैं। उनमें से एक है चोर की दाढ़ी में तिनका।
एक दिन बादशाह अकबर की सबसे प्रिय अंगूठी अचानक गायब हो गई। काफी तलाश के बाद भी उसका पता नहीं चल सका। इससे राजा अकबर चिंतित हो जाते हैं और बीरबल को इसके बारे में बताते हैं। फिर बीरबल महाराजा अकबर से पूछते हैं, “महाराज, आपने अंगूठी कब उतारी और कहां रखी?” राजा अकबर कहते हैं: “मैंने अपनी अंगूठी नहाने से पहले उतरी थी और अलमारी में रख दी, और जब मैं लौटा तो वहा नहीं थी।
तब बीरबल अकबर से कहते हैं, “तो अंगूठी खोई नहीं है, बल्कि चोरी हुई है, और यह सब महल की सफाई करने वाले नौकरो ने किया होगा और यह सुनकर बादशाह ने सभी सेवकों को हाजिर होने को कहा। उनके कमरे में साफ-सफाई करने के लिए कुछ 5 कर्मचारी तैनात थे और पांचों हाजिर हो गए।
सेवकों के आने के बाद बीरबल ने सभी को बताया कि महाराज की अंगूठी, जो अलमारी में रखी थी, चोरी हो गयी है। यदि किसी ने इसे उठाई है तो कृपया मुझे बता देना, अन्यथा मुझे अलमारी में पूछना पड़ेगा। तभी बीरबल अलमारी के पास गया और कुछ फुसफुसाने लगा। तब वह मुस्कुराया और अपने पाँचों सेवकों से कहा, “चोर मुझसे बच नहीं सकता, क्योंकि उसकी दाढ़ी में तिनका है।” यह बात सुनकर उन पांचों में से एक ने सबसे नजर बचाकर दाढ़ी में हाथ फेरा जैसे कि वह तिनका निकालने की कोशिश कर रहा हो। इसी बीच बीरबल की नजर उस पर पड़ी और उन्होंने अपने सिपाहियों को चोर को तुरंत पकड़ने का आदेश दिया।
जब बादशाह अकबर ने उससे पूछताछ की तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया और अंगूठी बादशाह को लौटा दी। अंगूठी पाकर बादशाह अकबर बहुत खुश हुए।
चोर की दाढ़ी में एक तिनका: कहानी से सिख
इस कहानी का उपदेश यह है कि ताकत की बजाय अपने दिमाग का इस्तेमाल करके सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।