अकबर-बीरबल की कहानी: सबसे बड़ा हथियार
काम के अलावा बादशाह अकबर ने बीरबल से कई चीजों पर बात की। एक दिन वहाँ बैठे हुए राजा ने बीरबल से पूछा, तुम्हारे अनुसार दुनिया का सबसे बड़ा हथियार क्या है?
जवाब में बीरबल ने कहा कि आत्मविश्वास से बेहतर दुनिया में कोई हथियार नहीं हो सकता। अकबर को कुछ समझ नहीं आया, लेकिन उसने कुछ कहा नहीं। उनके मन में ख्याल आया कि इस मामले पर उचित समय पर विचार किया जाएगा।
कुछ ही दिनों में राज्य में हाथी नियंत्रण से बाहर हो गया। जब इस बारे में पता चला तो एहसास हुआ कि वह पागल हो गया है।’ शिकारियों ने उसे जंजीरों से बांध दिया। जैसे ही इसकी खबर राजा तक पहुंची, उन्होंने सीधे महावत से कहा कि जब भी वह बीरबल को आता देखे तो हाथी की जंजीर खोल दे।
यह सुनकर महावत को आश्चर्य हुआ, लेकिन यह राजा का आदेश था, इसलिए उसने अपना सिर नीचे कर लिया और चला गया।
अब अकबर ने बीरबल को महावत के पास जाने के लिए कहा। महावत ने भी बादशाह के आदेश का पालन करते हुए बीरबल को आते देख हाथी को जंजीरों से मुक्त कर दिया। बीरबल को इस बात की खबर नहीं थी, इसलिए वो आराम से चल रहे थे। तभी उनकी नजर चिंघाड़ते हुए हाथी पर पड़ी। जैसे ही उन्होंने देखा कि हाथी उनकी ही तरफ आ रहा है। वो कुछ समझ नहीं पाए।
कुछ ही देर में उनके दिमाग में हुआ कि बादशाह ने मेरी आत्मविश्वास वाली बात को परखने के लिए ही इस हाथी को मेरे पीछे छोड़ने का आदेश दिया होगा। अब बीरबल इधर-उधर भागने की सोच रहे थे, लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं पाया। सामने से हाथी आ रहा था और अगल-बगल में भागकर जाने की जगह नहीं थी।
इतने में हाथी बीरबल के काफी करीब पहुंच गया। तभी बीरबल ने सामने एक कुत्ते को देखा और उसे टांगों से पकड़कर हाथी की तरफ फेंक दिया। कुत्ते चीखते हुए हाथी से टकराया। उसकी ऐसी चीखें सुनकर हाथी वापस उल्टी दिशा में भागने लगा।
कुछ ही देर में इस बारे में बादशाह अकबर को पता चला, तब जाकर उन्होंने माना कि आत्मविश्वास ही मनुष्य का सबसे बड़ा हथियार है।
कहानी से सीख :
हर किसी की बात पर यूं ही भरोसा नहीं कर लेना चाहिए। बात की जांच और परख करना जरूरी है। दूसरी सीख यह है कि इंसान समय से पहले उम्मीद न छोड़े, तो परेशानी से बाहर निकला जा सकता है।