तेनालीराम की कहानियाँ

कुत्ते को गाय में बदलने की तेनालीराम की इच्छा: तेनालीराम की कहानी

कुत्ते को गाय में बदलने की तेनालीराम की इच्छा: तेनालीराम की कहानी

एक सुबह, राजा कृष्णदेवराय उठे और नींद में अपने नौकर से नाई को बुलाने के लिए कहा। जब नाई आया तो राजा अपनी कुर्सी पर सो रहा था।

नाई राजा को परेशान नहीं करना चाहता था। इसलिए उसने शांति से और बहुत कुशलता से राजा को जगाए बिना उसके बाल और दाढ़ी काट दी। जब राजा की नींद खुली तो उन्हें नाई नहीं दिखा, वह बहुत क्रोधित हुये और अपने सेवक से तुरंत नाई को बुलाने को कहा।

जैसे ही सेवक ने नाई को बुलाया, राजा ने उसकी ठुड्डी और गालों को टटोला और देखा कि वे अच्छी तरह से साफ हैं। जब उसने शीशे में देखा तो उसे एहसास हुआ कि नाई ने उसे जगाए बिना अच्छा काम किया है।

जब नाई आया तो राजा ने उसके काम की प्रशंसा की और पूछा कि बदले में वह क्या चाहता है? नाई ने कहा कि वह ब्राह्मण बनना चाहता है। राजा नाई के अजीब अनुरोध से हैरान था। चूंकि राजा ने नाई से वादा किया हुआ था, इसलिए राजा ने कुछ ब्राह्मणों को बुलाया और उन्हें नाई के अजीब अनुरोध के बारे में बताया। राजा ने उनसे धन देने को कहा और सभी ब्राह्मण सहमत हो गये।

विजयनगर के अन्य ब्राह्मणों ने नाई के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया लेकिन सजा के डर से ज्यादा विरोध नहीं कर सके। अत: उन्होंने इस विषय में तेनालीराम की सहायता ली।

जब अगली सुबह नाई को उसके प्रतिस्थापन के सम्मान में मंत्रों का जाप करने के लिए नदी पर ले जाया गया, तो राजा भी अनुष्ठान की देख रेख करने के लिए वहा उपस्थित थे। उन्होंने देखा कि तेनाली अपने कुत्ते के साथ कुछ दूरी पर खड़ा है। राजा उसके पास गये और तेनाली से पूछा: तुम यहाँ क्या कर रहे हो? इस पर तेनाली ने उत्तर दिया कि वह इस कुत्ते को गाय बनाने की कोशिश कर रहा था।

जब राजा ने यह सुना तो वह हँसने लगा। उन्होंने तेनाली से कहा कि वह जो करने की योजना बना रहे थे वह मूर्खतापूर्ण है। तेनाली ने राजा को उत्तर दिया: “यदि एक नाई ब्राह्मण बन सकता है, तो एक कुत्ता गाय क्यों नहीं बन सकता?”

राजा को तेनाली का अभिप्राय समझ में आ गया। उसने नाई से कहा कि उसके लिए ब्राह्मण बनना असंभव है और बदले में उसे कुछ और मांगना होगा।

कहानी से सिख:
आप किसी व्यक्ति के बाहरी रूप को बदल सकते हैं, लेकिन उसके चरित्र को नहीं बदल सकते हैं।