शेखचिल्ली की कहानियाँ

शेखचिल्ली की कहानी : दूसरी कहानी  |

शेखचिल्ली की कहानी : दूसरी कहानी  |

शेख चिल्ली को अपनी मूर्खता के कारण कई नौकरियाँ गँवानी पड़ीं। कुछ समय बाद शेखचिल्ली को पास की एक दुकान में नौकरी मिल गई। दुकानदार उसे हर दिन कुछ सामान दूसरी जगह पहुंचाने के लिए कहता था। एक दिन, दुकानदार ने शेख को नमक की एक थैली दी और उसे दूसरे गाँव में पहुँचाने के लिए कहा।

शेख भी खुश हो गया और बोरी सिर पर रखकर चल पड़ा। इस रस्ते पर एक नदी थी. नदी पार करते समय अचानक नमक की बोरी नदी में गिर गयी। किसी तरह शेख ने बोरी को नदी से बाहर निकाला और वापस सिर पार रख लिया।

जब बोरी पानी में गिरी तो बड़ी मात्रा में नमक घुल गया और शेख को बोरी हल्की लगने लगी। बोरी के हल्के वजन के कारण शेख जल्दी ही अपनी मंजिल पर पहुंच गए. शेख ने नमक का बोरी वहीं छोड़ दिया और दुकान पर लौट आया।

इधर, जहां शेख ने बोरी रखी थी, वहां से दुकानदार को सन्देश मिला कि बोरी हल्की है। इस बीच, जब शेख दुकान पर लौटा, तो मालिक ने उससे पूछा कि बोरी का वजन कितना है। शेख ने उसे सारी कहानी बतायी। दुकान के मालिक ने इसे अनजाने में हुई गलती समझकर शेख को माफ कर दिया और उसे दूसरे काम पर लगा दिया।

कुछ दिनों बाद, दुकानदार ने शेख को रुई की एक बोरी के साथ उसी पते पर भेजा जहाँ उसने नमक दिया था। शेख ने तुरंत एक बोरी ली और चल दिया। रूई की बोरी हल्की थी, लेकिन शेख के मन में यह विचार आया कि नमक की बोरी हल्की हो सकती है।

यही सोच कर शेख चिल्ली उस नदी के पास पहुंचे जहां नमक की बोरी गिरी थी। शेख को ख्याल आया कि नमक की बोरी यहाँ गिरकर हल्की हो गयी थी। तो क्यों न इस रूई की बोरी को इस नदी में फेंक दिया जाए? यही सोचकर शेख ने रुई की बोरी नदी में गिरा दी और कुछ देर बाद उसे उठाने की कोशिश की

इस समय रूई ने बहुत अधिक पानी सोख लिया था, जिससे हल्कि बोरी भारी हो गयी। किसी तरह शेख भारी बोरी उठाकर उसी पते पर पहुंचा, जहां उसने नमक दिया था। इस बार उस व्यक्ति ने बोरी का वजन देखा और मालिक को फिर से सूचित किया।

जब शेख दुकान पर पहुंचा तो मालिक ने उससे पूछा कि आज बोरी इतनी भारी कैसे हो गयी थी। शेख ने कहा, “मालिक, आज बोरी फिर से पानी में गिर गयी थी।”

दुकान के मालिक को एहसास हुआ कि शेखचिल्ली चाहता था कि बोरी नमक की बोरी जितनी हल्की हो जाये। इसलिए उसने जानबूझकर बोरी पानी में डाली होगी।

इससे दुकान के मालिक को गुस्सा आ गया और उसने उसे दुकान से निकाल दिया और उसकी नौकरी फिर से चली गई।।

कहानी से सीख :

कामचोरी करने की कोशिश करने वालों का काम बढ़ जाता है। साथ ही हर परिस्थिति में एक ही नियम लागू नहीं होता है, इसलिए एक बार बोरी गिरकर हल्की हो गई और दूसरी बार भारी।