शेखचिल्ली की कहानी : ख्याली जलेबी
एक दिन एक बुजुर्ग महिला कहीं काम से जा रही थी। तभी सड़क पार करते समय वह एक कार से टकरा गयी। कार से टक्कर के बाद महिला बेहोश होकर सड़क पर गिर गई और चालक मौके से भाग गया। घटना की जानकारी होते ही आसपास के लोग तुरंत बुजुर्ग महिला के पास पहुंचे और उसे होश में लाने की कोशिश करने लगे.
सड़क पर भीड़ जमा होती देख वहां से गुजर रहा शेख चिल्ली भी वहां आ गया. उन्होंने देखा कि एक बुजुर्ग महिला सड़क पर बेहोश पड़ी है और कुछ लोग उस पर पानी डाल रहे हैं। वहीं कुछ लोग उसके हाथ-पैर पकड़ते हैं तो कुछ उसे हवा करते हैं.
महिला क घेरे कुछ लोगों ने अस्पताल ले जाने के लिए वाहन का बंदोबस्त करने को कहा, जबकि कुछ लोग यह कहते हुए उसे होश में लाने की कोशिश कर रहे है कि वह गंभीर रूप से घायल नहीं है।
सबकी बातें सुनने के बाद शेख चिल्ली ने भी बुजुर्ग महिला को होश में लाने के बारे में सोचा। उन्होंने कहा कि बुढ़िया को होश में लाने के लिए पहले उसे गर्म जलेबी लाकर उसे सूंघाना चाहिए और फिर जलेबी को उसके मुंह में डालना चाहिए। शेख ने आगे कहा, ‘मुंह में जलेबी डालते ही यह बूढ़ी औरत जरूर होश में आ जाएगी।’ वाक्य पूरा करने के बाद शेख चुप हो गया, लेकिन किसी ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया।
वही, दूसरी ओर बेहोश होने का नाटक कर रही बुजुर्ग महिला ने शेख की बातें सुन लीं। जलेबी खाने के लालच में वह आँखें बंद करके पड़ी रही। जब बहुत देर तक किसी ने शेखचिल्ली की बातों पर ध्यान नहीं दिया तो बुढ़िया का धैर्य टूट गया और वह उठ खड़ी हुई और शेखचिल्ली की ओर इशारा करके बोली, “कोई, इस दयालु आदमी की बात सुनो और जलेबी ले आओ।”
बुजुर्ग महिला की बात सुनकर सभी हैरान रह गए। सभी ने उसे गुस्से से देखा, भला-बुरा कहा और फिर अपने-अपने रास्ते चले गए। बुजुर्ग महिला को भी अपनी मूर्खता का एहसास हुआ और वह चुपचाप सड़क से उठी, नज़रें झुका ली और वहां से चली गयी।
कहानी से सीख –
कभी झूठ मत बोलो या दिखावा मत करो। इससे हमेशा दूसरों से अपमानित होना पड़ेगा।