परी कथा

परी कथा : स्नो व्हाइट और सात बौनों की कहानी

परी कथा : स्नो व्हाइट और सात बौनों की कहानी

एक समय की बात है एक राजा और रानी एक राज्य पर शासन करते थे। दोनों अपनी प्रजा की समस्याओं का बहुत ध्यान रखते थे और दोनों ही बहुत अच्छे थे। उनके जीवन में एकमात्र कमी यह थी कि उनकी कोई संतान नहीं थी। एक दिन रानी ने एक बेटी की इच्छा व्यक्त की जो सबसे सुंदर और प्यारी हो। कुछ साल बाद रानी की इच्छा पूरी हुई और उसने एक खूबसूरत बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम उसने स्नो व्हाइट रखा। पूरे राज्य में खुशियाँ छा गईं, लेकिन यह ख़ुशी अधिक समय तक टिक नहीं सकी। कुछ दिनों बाद, जब राजा और रानी जंगल से घूमने गए थे, तो एक जादूगरनी ने मौका पाकर रानी को चिड़िया बना दिया और अपने पास पिंजरे में कैद कर लिया। रानी के अचानक गायब हो जाने से राजा को लगा कि रानी मर गयी है. राज बहुत दुखी हुए स्नो व्हाइट की देखभाल और माँ के प्यार के कारण राजा ने पुनर्विवाह कर लिया। लेकिन जिससे उसने विवाह किया वह वही जादूगरनी थी जिसने रानी को कैद करके पक्षी बना दिया था। जादूगरनी ने अपना रूप बदल लिया और राजा से शादी कर ली।

स्नो व्हाइट उसकी चिड़िया को देखकर बहुत खुश हुई और उसने उससे वो चिड़िया मांग ली ।इस बात से अनजान की वो चिड़िया उसकी मां है, स्नो व्हाइट उसे बहुत प्यार से अपने पास रखती। उस जादूगरनी को स्नो व्हाइट की शक्ल से बहुत ईर्ष्या होती थी। वह दुनिया में सबसे खूबसूरत बनना चाहती थी। जादूगरनी के पास एक जादुई दर्पण था और वह प्रतिदिन उसे देखती और पूछती थी कि सबसे सुंदर कौन है? जब भी दर्पण जवाब देता था तो वह बहुत क्रोधित हो जाती थी: “तुम सुंदर हो रानी, ​​लेकिन स्नो व्हाइट तुमसे भी अधिक सुंदर है।” एक दिन उसने स्नो व्हाइट को मारने का फैसला किया। इसलिए उसने एक मंत्री को बुलाया और उससे कहा: जाओ स्नो व्हाइट को मार डालो। मंत्री डर गया और स्नो व्हाइट को जंगल में ले गया, लेकिन वह उसे मार नहीं सका। उसने स्नो व्हाइट को सब कुछ सच बताया और उसे भाग जाने के लिए कहा। स्नो व्हाइट दुखी होकर वहा से भाग गई।

मंत्री वापस लौटा और झूठ बोला कि उसने स्नो व्हाइट को मार डाला है। जादूगरनी रानी बहुत खुश हुई। स्नो व्हाइट जंगल में घूम रही थी तभी उसकी नज़र एक छोटी सी झोपड़ी पर पड़ी। वह इस झोपड़ी में गयी. वहाँ उसने सात बहुत छोटी-छोटी प्लेटें देखीं, जिन पर अनेक प्रकार के व्यंजन रखे हुए थे। स्नो व्हाइट को भी भूख लगी थी इसलिए उसने हर प्लेट में से थोड़ा-थोड़ा खाया, तभी उसकी नजर वहां मौजूद 7 बिस्तरों पर पड़ी. स्नो व्हाइट को नींद आने लगी और वह आराम करने के लिए बिस्तर पर लेट गई। लेटे-लेटे उसे नींद लग गयी और वह सो गयी। तभी थोड़ी देर बाद सात बौने वहां आए, उन्हें शक हुआ कि वहां कोई गया है। जैसे ही उनकी नजर स्नो व्हाइट पर पड़ी, उसकी सुंदरता को देखकर बौने उसे देखते ही रह गए ।

तभी स्नो व्हाइट की नींद खुली और डरते हुए उसने बौनों को पूरी कहानी बताई। यह सुनकर बौने हैरान रह गए और बोले, “स्नो व्हाइट, अगर तुम हमेशा हमारे लिए अच्छा खाना बनाती हो और हमारे घर की देखभाल करती हो, तो तुम हमारे साथ रह सकती हो।”

एक दिन उस जादूगरनी रानी ने जादुई दर्पण से फिर पूछा कि सबसे सुंदर कौन है। इस बार वह बहुत खुश थी कि स्नो व्हाइट की मृत्यु के बाद अब दर्पण मेरा ही नाम लेगा। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा कुछ नहीं हुआ. दर्पण ने फिर कहा: “रानी, ​​तुम सबसे सुंदर हो, लेकिन स्नो व्हाइट तुमसे भी अधिक सुंदर है।” जब रानी ने यह सुना तो वह आश्चर्यचकित रह गई और समझ गई कि मंत्री ने उसे धोखा दिया है। तब दर्पण ने उन्हें बताया कि स्नो व्हाइट बौनों की झोपड़ी में रहती है।

जब जादूगरनी रानी ने यह सुना तो उसने एक योजना बनाई। उसने जादू का इस्तेमाल करके एक ज़हरीला सेब बनाया और उसे स्नो व्हाइट को देकर उसे हमेशा के लिए गहरी नींद में सुलाना चाहा था। उसने अपना रूप बदल लिया और स्नो व्हाइट के पास पहुंची । वह स्नो व्हाइट से एक सेब खरीदने के लिए कहती है और खरीदने से पहले उसे ज़हरीले सेब का स्वाद चखने देती है। स्नो व्हाइट, यह सोचकर कि वह एक बूढ़ी औरत है, विरोध नहीं कर सकी और उसने जहरीला सेब चख लिया। जैसे ही स्नो व्हाइट ने सेब खाया तो उसकी तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद जादूगरनी अपने असली रूप में आ गई और स्नो व्हाइट के सामने हंसने लगी. स्नो व्हाइट अपनी सौतेली माँ को देखकर चौंक गई और गहरी नींद में सो गई।

उसके कुछ देर बाद ही बौने वहां पहुंचे और स्नो व्हाइट को वहां पड़ा हुआ देखकर बहुत दुखी हुए । उन्हें लगा कि स्नो व्हाइट ने उन्हें हमेशा के लिए छोड़ दिया है। उन्होंने उसे दफ़नाने के बारे में सोचा, लेकिन वे झिझके और उसे कांच के ताबूत में रख दिया। तभी राजा के मित्र का पुत्र, जो राजकुमार था, वहाँ आया। स्नो व्हाइट को देखकर वह हैरान और बहुत परेशान हुआ। उसने बौनों से स्नो व्हाइट के बारे में पूछा और दुखी होकर उनसे स्नो व्हाइट को ताबूत समेत अपने साथ ले जाने को कहा। सभी बौने दुखी हुए, उन्होंने ताबूत खोला और राजकुमार ने स्नो व्हाइट के प्रति अपना प्यार व्यक्त किया और उसके हाथ को चूमा । इसी बीच स्नो व्हाइट को होश आ गया। जब स्नो व्हाइट ने सबको अपने सामने देखा तो उसने सारी कहानी बता दी। सब समझ गए कि यह जादूगरनी सौतेली माँ के कारण हुआ है।

वो बौने जादूगर बनकर राजा के दरबार पहुंचे और उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि रानी को खूबसूरत बनने का शौक है। वो उन्हें बहुत खूबसूरत बना सकते हैं, लेकिन उन्हें उनके साथ चलना होगा। रानी और राजा उनके साथ चल पड़े और जैसे ही रानी पर सूरज की किरणें पड़ीं, वो अपने जादूगरनी के रूप में आ गई। वहां स्नो व्हाइट और राजकुमार भी पहुंचे। स्नो व्हाइट को देख राजा खुश हो गए। उन्होंने राजा को सारी बात बता दी और फिर बौनों ने अपनी शक्ति से जादूगरनी के जादू को खत्म कर दिया। जादू खत्म होते ही चिड़िया बनी असली रानी अपने रूप में आ गई। राजा और स्नो व्हाइट रानी को देख बहुत खुश हुए और जादूगरनी को बंदी बनाने का आदेश दे दिया। इसके बाद राजा-रानी ने स्नो व्हाइट और राजकुमार के विवाह का आयोजन किया और बौनों को तोहफे दिए। सभी खुशी-खुशी रहने लगे।

कहानी से सीख:

इस कहानी से यही सीख मिलती है कि बाहरी खूबसूरती से ज्यादा अंदर की खूबसूरती ज्यादा मायने रखती है।