नैतिक कहानियां

नैतिक कहानी : बैल और शेर की कहानी

नैतिक कहानी : बैल और शेर की कहानी

एक जंगल में तीन बैल रहा करते थे। तीनों आपस में अच्छे मित्र थे। वो घास चरने के लिए जंगल में एक साथ ही जाया करते थे। उसी जंगल में एक खूंखार शेर भी रहता था। इस शेर की कई दिनों से इन तीनों बैल पर नजर थी। वह इन तीनों को मारकर खा जाना चाहता था। उसने कई बार बैलों पर आक्रमण भी किया, लेकिन बैलों की आपसी मित्रता के कारण वो कभी सफल नहीं हो पाया। जब शेर उन पर हमला करता था, तो तीनों बैल त्रिकोण बनाकर अपने नुकीले सींगों से अपनी रक्षा करते थे।

तीनों बैल साथ मिलकर कई बार शेर को भगा चुके थे, लेकिन शेर कैसे भी करके उन तीनों को खाना चाहता था। शेर यह समझ गया था कि जब तक ये तीनों साथ रहेंगे, इन्हें मारा नहीं जा सकता है। इसलिए, उसने एक दिन इन तीनों को अलग करने के लिए एक चाल चली।

शेर ने बैलों को अलग करने के लिए जंगल में एक अफवाह उड़ा दी। अफवाह यह थी कि इन तीनों बैलों में से एक बैल अपने साथियों को धोखा दे रहा है। बस फिर क्या था, बैलों के बीच इस बात को लेकर शक बैठ गया कि आखिर वो कौन है, जो हमें धोखा दे रहा है?
एक दिन इसी बात को लेकर तीनों बैलों में झगड़ा हो गया। शेर ने जो सोचा था, वो हो गया था। अब तीनों बैल अलग-अलग रहने लगे थे। उनकी दोस्ती टूट चुकी थी। अब वो अलग-अलग होकर जंगल में चरने जाने लगे थे। बस शेर को इसी मौके का इंतजार था।

शेर ने एक दिन उन तीनों बैलों में से एक पर हमला बोल दिया। अकेले पड़ जाने की वजह से वह बैल शेर का मुकाबला नहीं कर पाया और शेर ने उसे मार डाला। कुछ दिनों के बाद शेर ने दूसरे बैल पर भी हमला कर दिया और उसे मारकर खा गया। अब सिर्फ एक बैल बचा था। वह समझ गया था कि शेर अब उसको भी मार डालेगा। उसके पास बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। वह अकेले शेर का मुकाबला नहीं कर सकता था। एक दिन जब वह जंगल में घास चरने गया था, तो शेर ने उसे भी अपना शिकार बना लिया। शेर की चाल पूरी तरह कामयाब हुई और उसने तीनों बैलों की दोस्ती तोड़कर उन्हें अपना शिकार बना लिया था।

कहानी से सीख :

एकता में बड़ी ताकत होती है। हमें हमेशा आपस में मिलकर रहना चाहिए और दूसरों की बातों में नहीं आना चाहिए।

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