नैतिक कहानियां

नैतिक कहानिया : हाथी और शेर की कहानी

नैतिक कहानिया : हाथी और शेर की कहानी

एक बार एक जंगल में एक शेर अकेला बैठा हुआ था। वह अपने बारे में सोच रहा था कि मेरे पास तो तेज धारदार मजबूत पंजे और दांत हैं। साथ ही मैं एक बहुत ही ताकतवर जानवर भी हूं, लेकिन फिर भी जंगल के सारे जानवर हमेशा मोर की ही तारीफ क्यों करते रहते हैं।

दरअसल, शेर को इस बात से बहुत जलन महसूस होती थी कि सभी जानवर मोर की तारीफ करते थे। जंगल के सभी जानवर कहते थे कि मोर जब भी अपने पंख फैलाकर नाचता है, तो वह बहुत सुंदर लगता है। यही सब सोचकर शेर बहुत दुखी हो रहा था। वह सोच रहा था कि इतना ताकतवर होने और जंगल का राजा होने पर भी कोई उसकी तारीफ नहीं करता है। ऐसे में उसके इस जीवन का क्या मतलब है।

तभी वहां से एक हाथी जा रहा था। वह भी काफी दुखी था। जब शेर ने उस दुखी हाथी को देखा, तो उससे पूछा – “तुम्हारा शरीर इतना बड़ा है और तुम ताकतवर भी हो। फिर भी इतने दुखी क्यों हो? तुम्हें क्या परेशानी है?”

दुखी हाथी को देखकर शेर ने सोचा कि क्यों न मैं इस हाथी के साथ अपना दुख बांट लूं। उसने आगे कहते हुए हाथी से पूछा – “कि क्या इस जंगल में ऐसा कोई जानवर है, जिससे तुम्हें जलन होती हो और वह तुम्हें हानि पहुंचाता हो?”

शेर की बात सुनकर हाथी ने कहा – “जंगल का सबसे छोटा जानवर भी मुझ जैसे बड़े जानवर को परेशान कर सकता है।”

शेर ने पूछा – “वह कौन सा छोटा जानवर है?”

हाथी ने कहा – “महाराज, वो जानवर चींटी है। वह इस जंगल में सबसे छोटी है, लेकिन जब भी वो मेरे कान में घुसती है, तो मैं दर्द के मारे पागल हो जाता हूं।”

हाथी की बात सुनकर शेर को समझ में आ गया कि मोर तो मुझे चींटी की तरह परेशान भी नहीं करता है, फिर भी मुझे उससे जलन होती है। ईश्वर ने सभी प्राणियों को अलग-अलग खामियां और खूबियां दी हैं। इसी वजह से सारे प्राणी एक जैसे ही ताकतवर या कमजोर नहीं हो सकते हैं।

इस तरह शेर को यह समझ में आ गया कि उस जैसे ताकतवर जानवर में भी खूबियों के साथ कमियां हो सकती है। इससे शेर के मन में उसका खोया हुआ आत्मविश्वास फिर से बढ़ गया और उसने मोर से जलन करना बंद कर दिया।

कहानी से सीख

हमें कभी भी किसी की खूबी देखकर उससे नहीं जलना चाहिए, क्योंकि हम सभी में अलग-अलग खूबियां और खामिंया होती है।

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